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यीशु चार हजार लोगों ख खिलावय हय
(मत्ती १५:३२-३९)
1 उन दिनो म जब फिर बड़ी भीड़ जमा भयी, अऊर लोगों को जवर कुछ खान को नहीं होतो, त यीशु न अपनो चेलावों ख जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, 2 “मोख यो भीड़ पर तरस आवय हय, कहालीकि हि लोग तीन दिन सी बराबर मोरो संग हय, अऊर उन्को जवर कुछ भी खान लायी नहीं होतो। 3 यदि मय उन्ख भूखो घर भेज देऊं, त रस्ता म थक क बेहोश होय जायेंन; कहालीकि इन म सी कुछ दूर दूर सी आयो हय।”
4 ओको चेलावों न ओख उत्तर दियो, “इत सुनसान जागा म इतनी रोटी कोयी कित सी लायेंन कि हि सन्तुष्ट होय जायेंन?”
5 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “तुम्हरो जवर कितनी रोटी हय?”
उन्न कह्यो, “सात।”
6 तब ओन लोगों ख जमीन पर बैठन को आदेश दियो, अऊर हि सात रोटी ख धरी अऊर परमेश्वर को धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर अपनो चेलावों ख देत गयो कि उन्ख परोसो, अऊर उन्न लोगों को आगु परोस दियो। 7 उन्को जवर थोड़ी सी छोटी मच्छी भी होती; ओन परमेश्वर ख धन्यवाद कर क् उन्ख भी लोगों को आगु परोसन को आदेश दियो। 8 हि खाय क सन्तुष्ट भय गयो अऊर चेलावों न बच्यो टुकड़ा कि सात टोकनी भर क उठायी। 9 अऊर लोग चार हजार को लगभग होतो; तब ओन लोगों ख बिदा कर दियो, 10 अऊर ऊ तुरतच अपनो चेलावों को संग डोंगा पर चढ़ क दलमनूता प्रदेश ख चली गयो।
फरीसियों न यीशु ख चमत्कार करन लायी कह्यो
(मत्ती १२:३८-४२; १६:१-४)
11 ✡ ८:११ मत्ती १२:३८; लूका ११:१६कुछ फरीसियों आय क यीशु सी वाद-विवाद करन लग्यो, अऊर ओख जांचन लायी ओको सी उन लोगों न आश्चर्य कर्म करन लायी कह्यो की ऊ परमेश्वर की तरफ सी स्वर्ग को कोयी चिन्ह बताव। 12 ✡ ८:१२ मत्ती १२:३९; लूका ११:२९ओन अपनी आत्मा म आह भर क कह्यो, “यो पीढ़ी को लोग कहाली चिन्ह ढूंढय हय? मय तुम सी सच कहू हय कि यो पीढ़ी को लोगों ख कोयी चिन्ह नहीं दियो जायेंन।”
13 अऊर ऊ उन्ख छोड़ क फिर डोंगा पर चढ़ गयो अऊर झील को पार चली गयो।
फरीसियों अऊर हेरोदेस को खमीर
(मत्ती १६:५-१२)
14 चेला रोटी धरनो भूल गयो होतो, अऊर डोंगा म उन्को जवर एकच रोटी होती। 15 ✡ ८:१५ लूका १२:१यीशु न उन्ख चितायो, “देखो, फरीसियों को खमीर* ८:१५ फरीसियों को द्वारा गलत शिक्षा अऊर हेरोदेस को खमीर सी चौकस रहो।”
16 कहालीकि हि आपस म बाते कर क् कहन लग्यो, “हमरो जवर रोटी नहाय।”
17 यो जान क यीशु न उन्को सी कह्यो, तुम कहालीकि आपस म बाते कर रह्यो हय कि हमरो जवर रोटी नहाय? का अब तक नहीं जानय अऊर नहीं समझय? का तुम्हरो मन सुस्त भय गयो हय? 18 ✡ ८:१८ मरकुस ४:१२का आंखी रह्य क भी नहीं देखय, अऊर कान रह्य क भी नहीं सुनय? अऊर का तुम्ख याद नहाय।
19 कि जब मय न पाच हजार लोगों लायी पाच रोटी तोड़ी होती त तुम न टुकड़ा की कितनी टोकनियां भर क उठायी होती? उन्न ओको सी कह्यो, “बारा टोकनी।”
20 यीशु न उन्ख पुच्छ्यो “का तुम्ख याद नहाय जब चार हजार लोगों लायी सात रोटी अऊर तुम न कितनी टोकनी भर क उठायी होती?”
उन्न ओको सी कह्यो, “सात टोकनी।”
21 यीशु न उन्को सी पुच्छ्यो, “का तुम अब भी नहीं समझायो?”
यीशु न बैतसैदा नगर म अन्धा ख चंगो करयो
22 हि बैतसैदा नगर म आयो; अऊर कुछ लोग एक अन्धा ख यीशु को जवर लायो अऊर ओको सी बिनती करी कि ओख छूव। 23 ऊ अन्धा को हाथ पकड़ क ओख गांव को बाहेर ले गयो, अऊर ओकी आंखी म थूक लगाय क ओको पर हाथ रख्यो, अऊर ओको सी पुच्छ्यो, “का तय कुछ देख सकय हय?”
24 ओन ऊपर देख क कह्यो, “मय आदमी ख देखूं हय; हि मोख चलतो हुयो झाड़ को जसो लग रह्यो हय।”
25 तब यीशु न दुबारा ओकी आंखी पर हाथ रख्यो, अऊर ओकी आंखी की रोशनी लौट आय गयी, अऊर सब कुछ साफ साफ देखन लग्यो। 26 यीशु न ओख यो कह्य क घर भेज्यो, “दुबारा यो गांव म सी मत जाजो सीधो घर जा।”
पतरस न घोषना कि की यीशु मसीह आय
(मत्ती १६:१३-२०; लूका ९:१८-२१)
27 यीशु अऊर ओको चेला कैसरिया फिलिप्पी को गांवो म जातो हुयो। रस्ता म ओन अपनो चेलावों सी पुच्छ्यो, “मोख बतावो लोग मोरो बारे म का कह्य हय कि मय कौन आय?”
28 ✡ ८:२८ मरकुस ६:१४,१५; लूका ९:७,८उन्न उत्तर दियो, “कुछ कह्य हय, तय यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो; पर कोयी कह्य, तय एलिय्याह अऊर कोयी भविष्यवक्तावों म सी एक हय।”
29 ✡ ८:२९ यूहन्ना ६:६८,६९ओन उन्को सी पुच्छ्यो, “पर तुम मोख का कह्य हय?”
पतरस न ओख उत्तर दियो, “तय मसीहा आय।”
30 तब यीशु न उन्ख आदेश दे क कह्यो कि मोरो बारे म यो कोयी सी मत कहजो।
यीशु की भविष्यवानी मृत्यु अऊर पुनरुत्थान को बारे म
(मत्ती १६:२१-२३; लूका ९:२२)
31 तब यीशु उन्ख सिखावन लग्यो कि आदमी को बेटा लायी जरूरी हय कि मय बहुत दु:ख उठाऊ, अऊर बुजूर्ग अऊर मुख्य याजक, अऊर धर्मशास्त्री को द्वारा ठुकरायो जाऊं अऊर मोख मार दियो जाऊं, पर मय तीन दिन को बाद जीन्दो हय जाऊं। 32 ओन यो बात उन्को सी साफ-साफ कह्य दियो। येको पर पतरस ओख अलग लिजाय क डाटन लग्यो असो नहीं होय सकय। 33 पर यीशु न मुड़ क अपनो चेलावों को तरफ देख्यो, अऊर पतरस ख डाट क कह्यो, “हे शैतान, मोरो आगु सी दूर होय जा; कहालीकि तय परमेश्वर की बातों पर नहीं, पर आदमियों की बातों पर मन लगावय हय।”
34 ✡ ८:३४ मत्ती १०:३८; लूका १४:२७यीशु न भीड़ अऊर अपनो चेलावों अपनो जवर बुलाय क उन्को सी कह्यो, “जो कोयी मोरो पीछू आवनो चाहवय, ऊ अपनो आप ख इन्कार कर क् अऊर अपनो क्रूस उठाये अऊर मरन लायी तैयार रहेंन तब ऊ मोरो पीछू चले। 35 ✡ ८:३५ मत्ती १०:३९; लूका १७:३३; यूहन्ना १२:२५कहालीकि जो कोयी अपनो जीव बचावनो चाहवय हय त ऊ ओख खोयेंन, पर जो कोयी मोरो अऊर सुसमाचार को लायी अपनो जीव खोयेंन, ऊ ओख बचायेंन। 36 यदि आदमी पूरो जगत ख हासिल करेंन अऊर अपनो जीव की हानि उठायेंन, त ओख का फायदा होयेंन? 37 आदमी अपनो जीवन ख फिर सी हासिल करन लायी का दे सकय हय? 38 जो कोयी यो व्यभिचारी अऊर पापी जाति को बीच मोरो सी अऊर मोरी बातों सी शरमायेंन, त मय जब पवित्र स्वर्गदूतों को संग अपनो बाप कि महिमा को संग आऊं, तब ऊ मोरो सी शरमायेंन।”
✡8:11 ८:११ मत्ती १२:३८; लूका ११:१६
✡8:12 ८:१२ मत्ती १२:३९; लूका ११:२९
✡8:15 ८:१५ लूका १२:१
*8:15 ८:१५ फरीसियों को द्वारा गलत शिक्षा
✡8:18 ८:१८ मरकुस ४:१२
✡8:28 ८:२८ मरकुस ६:१४,१५; लूका ९:७,८
✡8:29 ८:२९ यूहन्ना ६:६८,६९
✡8:34 ८:३४ मत्ती १०:३८; लूका १४:२७
✡8:35 ८:३५ मत्ती १०:३९; लूका १७:३३; यूहन्ना १२:२५