यूहन्ना की पहली पत्री
यूहन्ना की पहिली चिट्ठी
परिचय
यूहन्ना की पहिली चिट्ठी प्रेरित यूहन्ना द्वारा मसीह को जनम को ५० सी १०० साल को बीच लिख्यो गयो होतो यूहन्ना खुद लेखक को रूप म नहीं जान्यो जावय पर पहिलो अध्याय दिखावय हय कि ऊ यीशु को जीवन अऊर पुनरुत्थान को लायी एक प्रत्यक्षदर्शी को रूप म हय १:१-३। १ यूहन्ना की लिखन की शैली यूहन्ना रचित सुसमाचार को अनुसार लेखन शैली जसी दिखय हय। असो माननो हय कि यूहन्ना न यूहन्ना रचित सुसमाचार को अनुसार इफिसियों म रहतो हुयो तीन चिट्ठी १ यूहन्ना, २ यूहन्ना, ३ यूहन्ना, लिखी गयी होती।
यूहन्ना न या चिट्ठी ख सब मसीहियों ख लिखी होती जब मण्डली ख “ज्ञानवादी” नामक लोगों को झुण्ड सी परेशानी होय रही होती इन लोगों को माननो होतो कि यीशु पूरो तरह सी प्रभु होतो पर ऊ वास्तव म मांस अऊर खून को शरीर को संग धरती पर आदमी होतो। योच तरह सी यूहन्ना न यीशु को जीवन को प्रति प्रत्यक्षदर्शी होन को बारे म लिख्यो अऊर कह्यो कि मोरो हाथों न यीशु ख छूयो१:१-३। या चिट्ठी ख लिखन म यूहन्ना को उद्देश उन लोगों की खुशी ख पूरो करनो होतो १ यूहन्ना १:४, विश्वासियों ख पाप करन सी रोकन लायी १ यूहन्ना २:१ झूठी शिक्षा सी विश्वासियों की रक्षा करन लायी १ यूहन्ना २:२६, अऊर मजबूत करनो सी विश्वासियों ख बचायो गयो हय ५:१३।
रूप-रेखा
१. यूहन्ना न अपनी चिट्ठी म प्रस्तुत करयो अऊर येख लिखन लायी एक उद्देश दियो। १:१-४
२. तब ऊ बतावय हय कि परमेश्वर प्रकाश हय अऊर हम्ख मसीह म कसो जीवन जीनो होना। १:५–३:१०
३. हर समय हम्ख एक दूसरों सी प्रेम रखनो चाहिये येख याद दिलावत होतो। ३:११–५:१२
४. तब उन्न अपनी चिट्ठी लिखनो बन्द कर दियो। ५:१३-२१
1
जीवन को वचन
1 ✡ १:१ यूहन्ना १:१ऊ जीवन को वचन को बारे म हम लिखजे हय जो सुरू सी होतो, जेक हम न सुन्यो, अऊर जेक अपनी आंखी सी देख्यो, बल्की जेक हम न ध्यान सी देख्यो अऊर हाथों सी छूयो। 2 ✡ १:२ यूहन्ना १:१४यो जीवन प्रगट भयो, अऊर हम न ओख देख्यो, अऊर ओकी गवाही देजे हंय, अऊर तुम्ख ऊ अनन्त जीवन को समाचार देजे हंय जो बाप को संग होतो अऊर हम पर प्रगट भयो 3 जो कुछ हम न देख्यो अऊर सुन्यो हय ओको समाचार तुम्ख भी देजे हंय, येकोलायी कि तुम भी हमरो संग सामिल हो; अऊर हमरी या सहभागिता बाप को संग अऊर ओको बेटा यीशु मसीह को संग हय। 4 अऊर या बाते हम येकोलायी लिखजे हंय कि हमरी खुशी पूरी हो जाय।
ज्योति म चलनो
5 जो समाचार हम न ओको सी सुन्यो अऊर तुम्ख सुनाजे हंय, ऊ यो आय कि परमेश्वर प्रकाश आय अऊर ओको म कुछ भी अन्धारो नहाय। 6 यदि हम कहबो कि ओको संग हमरी सहभागिता हय अऊर फिर अन्धारो म चले, त हम झूठो हंय अऊर सच पर नहीं चलजे; 7 पर यदि जसो ऊ प्रकाश म हय, वसोच हम भी प्रकाश म चले, त एक दूसरों सी सहभागिता रखजे हंय, अऊर ओको बेटा यीशु को खून हम्ख सब पापों सी शुद्ध करय हय।
8 यदि हम कहबो कि हम म कुछ भी पाप नहाय, त अपनो आप ख धोका देजे हंय, अऊर हम म सच नहाय। 9 यदि हम अपनो पापों ख मान ले, त परमेश्वर हमरो पापों ख माफ करन अऊर हम्ख सब पापों सी शुद्ध करन म विश्वास लायक अऊर सच्चो हय। 10 यदि हम कहबो कि हम न पाप नहीं करयो, त हम परमेश्वर ख झूठो ठहरायजे हंय, अऊर ओको वचन हम म नहाय।