पतरस की पहली पत्री
पतरस की पहिली चिट्ठी
परिचय
१ पतरस की चिट्ठी प्रेरित पतरस को द्वारा लिखी गयी होती। पतरस न यो कह्य क अपनी चिट्ठी सुरू करी कि ऊ कौन होतो अऊर कोन्को लायी ऊ लिख रह्यो होतो। उन्न उन सब मसीह भाऊवों ख चिट्ठी सी सम्बोधित करयो जिन्ख उन्न “अनजानो” कह्यो १:१, १:१७, अऊर २:११। उन्न अपनो पढ़न वालो ख यो तरह कुछ बार बतायो कहालीकि हि अलग अलग देशों म बिखरयो हुयो होतो। कहालीकि या चिट्ठी कुछ तरीका सी इफिसियों ख पौलुस कि चिट्ठी जसी दिखय हय, कुछ लोग मानय हय कि मसीह को जनम को ६५ साल बाद इफिसियों को बाद १ पतरस लिख्यो गयो होतो। पतरस न रोम सी या चिट्ठी लिखी होती जेक ओन बेबीलोन कह्यो ५:१३।
पतरस कह्य हय कि उन्न या चिट्ठी ख “तुम्ख प्रोत्साहित करन अऊर यो प्रमाणित करन को उद्देश सी लिख्यो कि यो परमेश्वर कि सच्ची कृपा आय” ५:१२।१ पतरस २:११–३:७इफिसियों ५:१८–६:९ अऊर कुलुस्सियों ३:१८–४:६ को बीच कुछ समानता हय। ऊ दुखियों ख दु:ख होन पर हिम्मत सी प्रोत्साहित करय हय कहालीकि अन्त जवर हय। ४:१
रूप-रेखा
१. अपनो पढ़न वालो ख सम्बोधित करन लायी पतरस खुद ख पेश करय हय। १:१-२
२. फिर ऊ उद्धार को लायी परमेश्वर को धन्यवाद करय हय कि हि सब मेल मिलाप करय हय अऊर येको अर्थ उन्को जीवन को लायी आय। १:३–२:१०
३. हर समय ऊ विश्वासियों ख निर्देश देवय हय कि कसो जगत म अच्छो तरह सी रहनो हय अऊर पति अऊर पत्नी अऊर सेवक अऊर गुरु को बीच अलग अलग रिश्ता ख सम्बोधित करय हय। २:११–४:११
४. ओको बाद पतरस दु:ख को समय उन्ख हिम्मत सी प्रोत्साहित करय हय। ४:१२–५:११
५. तब ऊ अपनी चिट्ठी लिखनो बन्द कर देवय हय। ५:१२-१४
1
1 पतरस को तरफ सी जो यीशु मसीह को प्रेरित हय, उन चुन्यो हुयो परमेश्वर को लोग जो पुन्तुस, गलातिया, कप्पदूकिया, आसिया अऊर बितूनिया म तितर-बितर होय क निर्वाशित जसो रह्य हंय, 2 तुम पिता परमेश्वर को पूर्व उद्देश को अनुसार चुन्यो गयो हय अऊर ओकी आत्मा को द्वारा पवित्र लोग ठहरायो गयो, येकोलायी की यीशु मसीह की आज्ञा माने अऊर ओको खून को छिड़काव को द्वारा पवित्र ठहरायो गयो हय।
तुम पर परमेश्वर को तरफ सी अनुग्रह अऊर शान्ति बहुतायत सी होती रहे।
एक जीन्दी आशा
3 हमरो प्रभु यीशु मसीह को परमेश्वर पिता को धन्यवाद हो, जेन यीशु मसीह को मरयो हुयो म सी जीन्दो करन को द्वारा, अपनी बड़ी दया सी हम्ख जीन्दी आशा लायी नयो जनम दियो, 4 मतलब एक अविनाशी, अऊर निर्मल, अजर विरासत लायी जो तुम्हरो लायी स्वर्ग म रखी हय; 5 जो विश्वास को द्वारा सुरक्षित हय परमेश्वर की सामर्थ को द्वारा ऊ उद्धार लायी जो आखरी समय म प्रगट होन को लायी तैयार हय।
6 येकोलायी तुम बहुतायत सी खुश रहो, हालांकि अभी थोड़ो समय को लायी अलग अलग तरह की परीक्षावों को वजह दु:ख उठानो पड़ेंन; 7 अऊर यो येकोलायी हय कि तुम्हरो विश्वास परख्यो जाये, जो आगी सी तपायो हुयो नाशवान सोना सी भी बहुत जादा किमती हय, उन्को उद्देश यो हय कि ऊ शुद्ध निकले, जब यीशु मसीह प्रगट होयेंन ऊ दिन तब तुम्ख प्रशंसा अऊर महिमा अऊर आदर मिलेंन। 8 तुम ओको सी प्रेम करय हय जब की तुम न ओख देख्यो नहीं, अऊर तुम ओको पर विश्वास करय हय जब की तुम न अभी ओख देख्यो नहीं त तुम महिमामय खुशी सी खुश होय जावो शब्दों सी बयान नहीं करयो जाय सकय; 9 तुम्हरो आत्मावों को उद्धार यो जो तुम्हरो विश्वास को उद्देश तुम ओको म प्राप्त करय हय।
10 योच उद्धार को बारे म उन भविष्यवक्तावों न ध्यान सी खोजबीन अऊर जांच-पड़ताल करी, जिन्न ऊ अनुग्रह को बारे म जो तुम पर होन ख होतो, भविष्यवानी करी होती। 11 उन भविष्यवक्तावों न खोज करी ऊ समय कब अऊर कसो आयेंन। ऊ यो समय होतो जेको बारे म मसीह की आत्मा जो उन्म होती जो बाते मसीह पर आवन वालो दु:ख अऊर ओको बाद प्रगट होन वाली महिमा को बारे म निर्देशन करत होती। 12 परमेश्वर न उन भविष्यवक्तावों पर प्रगट करयो गयो कि हि अपनी खुद की नहीं बल्की तुम्हरी सेवा लायी यो बाते कहत होतो, जिन्को समाचार अब तुम्ख उन्को द्वारा मिल्यो जिन्न पवित्र आत्मा सी, जो स्वर्ग सी भेज्यो गयो, तुम्ख सुसमाचार सुनायो; अऊर इन बातों ख स्वर्गदूत भी ध्यान सी समझन की इच्छा रखय हंय।
पवित्र जीवन की बुलाहट
13 येकोलायी मानसिक रूप सी सचेत रहो; खुद नियंत्रन म रहो, जब यीशु मसीह प्रगट होयेंन तब जो आशीष तुम ख मिलन की हय, ओको पर अपनी आशा पूरी रीति सी लगायो रखो। 14 आज्ञाकारी बच्चां को जसो, ऊ समय की बुरी इच्छावों को अनुसार अपनो आप ख मत ढालो जो तुम म पहिले होती, जब तुम अज्ञानी होतो। 15 पर जसो तुम्हरो बुलावन वालो पवित्र हय, वसोच तुम भी अपनो पूरो चाल-चलन म पवित्र बनो। 16 कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “पवित्र बनो, कहालीकि मय पवित्र हय।”
17 अऊर यदि तुम, हरेक को कर्मों को अनुसार पक्षपात रहित होय क न्याय करन वालो परमेश्वर ख प्रार्थना म हे बाप कह्य क पुकारय हय, त यो धरती पर परदेशी होय क परमेश्वर ख सम्मान देतो हुयो डर को संग जीवन जीवो। 18 कहालीकि तुम जानय हय कि तुम्हरो निकम्मो चाल-चलन को तरीका जो बापदादों सी चल्यो आवय हय, ओको सी तुम्हरो छुटकारा चांदी-सोना यानेकि बेकार चिजों को द्वारा नहीं भयो; 19 बल्की बहुमूल्य मसीह को अर्पन को द्वारा जो एक निर्दोष अऊर निष्कलंक मेम्ना को जसो होतो। 20 सृष्टि को निर्मान को पहिले परमेश्वर को द्वारा मसीह ख चुन्यो गयो होतो, पर तुम्हरो लायी आखरी दिनो म ओख प्रगट करयो गयो। 21 ऊ मसीह को द्वारा तुम ऊ परमेश्वर पर विश्वास करय हय, जेन ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो अऊर महिमा दी कि ताकी तुम्हरो विश्वास अऊर आशा परमेश्वर पर टिक्यो रहेंन।
22 जब तुम न सच को पालन करतो हुयो सच्चो भाईचारा को प्रेम ख प्रदर्शित करन लायी अपनो आप ख निष्कपट कर लियो हय त पूरो दिल को संग आपस म एक दूसरों सी प्रेम करे। 23 कहालीकि तुम न नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज सी, परमेश्वर को जीवतो अऊर हमेशा ठहरन वालो वचन को द्वारा नयो जनम पायो हय। 24 कहालीकि
जसो शास्त्र म लिख्यो हय “हर एक प्रानी घास को जसो हय,
अऊर ओकी पूरी शोभा
जंगली फूलो को जसो हय। अऊर घास सुक जावय हय।
25 पर प्रभु को वचन हमेशा हमेशा स्थिर रह्य हय।”
अऊर योच सुसमाचार को वचन हय जो तुम्ख घोषित करयो गयो होतो।